आसरा मुक्तांगन आपकी अपनी पत्रिका है। यह पत्रिका हिंदी सहित सभी भाषाओं के रचनाकारों को अत्यंत ही सम्मान की नजरों से देखती है। पत्रिका को आपके लेखकीय सहयोग की आवश्यकता है। इस संदर्भ में कुछ विशेष बिंदुओं पर हम अत्यंत ही विनम्रतापूर्वक आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं:
‘आसरा मुक्तांगन’ लोकतंत्र समर्थक उदार जनवादी मंच है। यह जातिवाद संप्रदायवाद – प्रांतवाद वर्गवाद का कट्टर विरोधी है। यह मंच स्त्रियों, दलितों, अल्पसंख्यकों का पक्षधर है। लेखकों से आग्रह है कि इन्ही मूल्यों को पुष्ट करनेवाली रचनाएं ही भेजें। साथ में जरुरी फोटो, रेखाचित्र और दस्तावेज भी मौलिक तथा अप्रकाशित रचनाएं ही भेजें। फोन पर दी जायेगी।
- रचनाएं टाइप हुई हों। हाथ की लिखी हों तो कागज के एक तरफ, पर्याप्त हाशिया छोड़कर स्पष्ट अक्षरों में लिखी हों।
- रचनाओं के साथ पासपोर्ट साइज की अपनी ताज़ा तस्वीर, संक्षिप्त परिचय, पिनकोड सहित पूरा पता तथा मोबाईल/फोन नंबर जरूर भेजे।
- भेजते समय रचना की एक प्रति अपने पास अवश्य ही सुरक्षित रख लें। रचना किसी भी स्थिति में वापस नहीं भेजी जा सकेगी।
- स्वीकृति अस्वीकृति के निर्णय में एक माह का समय लगेगा। सिर्फ स्वीकृति की ही सूचना अनूदित रचना के साथ मूल लेखक का अनुमति पत्र अनिवार्य हैं।
- समीक्षा के लिए पुस्तक की दो प्रतिया भेजें। पुस्तकों के साथ लिखित समीक्षाएं भी भेजी जा सकती हैं। लेकिन उन्हें छापने न छापने का निर्णय संपादक का होगा। प्राप्त पुस्तकों में से समीक्षा के लिए पुस्तक का चयन हम करेंगे।